एडवाइजरी - फर्जी यूपीआई पेमेंट दिखाकर दुकानदारों व व्यापारियों के साथ ठगी करना कोविड 19 के इस कठिन समय में जहां अधिक से अधिक लोग...
एडवाइजरी - फर्जी यूपीआई पेमेंट दिखाकर दुकानदारों व व्यापारियों के साथ ठगी करना
कोविड 19 के इस कठिन समय में जहां अधिक से अधिक लोग कैशलेस भुगतान का विकल्प चुन रहे हैं । पेटीएम , गूगल पे फोनपे , जैसे भुगतान ऐप की उपयोगिता इस महामारी में प्रबल हो गयी है । हालांकि ऑनलाइन पेमेंट ऐप के बढ़ते इस्तेमाल से धोखेबाजी की घटनाएं भी सामने आ रही है । ऐसे कई मामले आए दिन सुर्खियों में रहते हैं । आजकल देखने में आ रहा है कि पेटीएम जैसा दिखने वाला एक पेटीएम स्पूफ APP हूबहू पेटीएम पेमेंट वालेट की नकल वाला एप्लीकेशन इंटरनेट पर उपलब्ध है । जो कि सामान्य जानकारी जैसे नाम , फोन नंबर , राशि , दिनांक और समय जैसे विभिन्न विवरण दर्ज कर ऐप से लेनदेन के सफल होने की एक नकली सूचना दर्शाता है । अधिसूचना इतनी वास्तविक प्रतीत होती है कि दुकानदारों / व्यापारियों को लगता है कि जालसाज ने पैसे का भुगतान कर दिया है । हकीकत में कोई लेन - देन नहीं हो रहा होता है , और बिना पैसों का भुगतान किये जालसाज सामान लेकर या किसी प्रकार की सर्विस लेकर भाग जाता है ।
PRECAUTION / एहतियात
1. जब भी आप किसी ग्राहक से पेटीएम / फोनपे / गूगलपे या अन्य किसी पेमेंट वालेट से पैसे प्राप्त करें , तो अपने मोबाइल पर पैसे प्राप्त होने का मैसेज जरुर देखें । यदि पैसे प्राप्त न हुये हों तब उस ट्रांजेक्सन को संपूर्ण न माने । हो सके तो अपनी दुकान व व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर पेमेंट प्राप्त होने पर जानकारी देने वाला स्पीकर लगा कर रखें ।
2 . प्रतिदिन किये गये सभी प्रकार के ट्रांजेक्सन का ब्योरों का मिलान करें ताकि दिनभर के आय व्यय का लेखा जोखा रखने में आसानी हो व आपके साथ होने वाले किसी प्रकार के धोखाधड़ी को ध्यान दिया जा सके ।
3. अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे ओटीपी , पिन या अन्य जानकारी किसी के साथ साझा न करें , जिससे आपके यूपीआई को संचालित या बाधित किया जा सके ।
4. यदि आपके साथ कोई सायबर अपराध होता है , तो उसकी शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में अथवा ऑनलाइन सायबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in या Toll Free नम्बर 155260 पर करें ।
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