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चायनिज लोगों को फ़र्ज़ी कम्पनियाँ बना कर देने वाले दो भारतीय युवक राज्य सायबर सेल इंदौर के शिकंजे में

फेसबुक ऐड में टैस्को ग्लोबल अप्पलीकेषन पर टास्कींग का कार्य कर अधिक मुनाफा देने का लालच देकर फरियादी से 22 लाख पचास हजार रूपये की धोखाधडी कर...

फेसबुक ऐड में टैस्को ग्लोबल अप्पलीकेषन पर टास्कींग का कार्य कर अधिक मुनाफा देने का लालच देकर फरियादी से 22 लाख पचास हजार रूपये की धोखाधडी करने वाले गिरोह के दो सदस्य राज्य सायबर सेल, इन्दौर के षिकंजे में।


1 एक आरोपी है, कम्पनी सेक्रेटरी (सी0एस0)।
2 दूसरा आरोपी आइटी कम्पनी में है, कार्यरत।
3 दोनों आरोपी है, बचपन के दोस्त।
4 आरोपियांे ने कम्पनी बनाकर देने का कॉन्ट्रेक्ट किया था, चाइनीज कम्पनी सुनेहरा बर्ड से। 
5 सुनेहरा बर्ड के जनरल मैनेजर और कम्पनी की कर्मचारी की मांग पर करीब 15 फर्जी कम्पनियां बनाकर दी थी, आरोपियों ने।
6 15 फर्जी कम्पनियांे के नाम से एक ही बैंक में करण्ट अकाउण्ट खुलवाकर भी दिये थे, आरोपियों ने।
7 पेमेण्ट गेटवे की सर्विस में वर्चुवल अकाउण्ट खुलवाने के लिये भी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिये थे, चाइनीज व्यक्तियों को।
8 प्रत्येक कम्पनी बनाने के एवज में लेते थे, 15 हजार रूपये।
9 आरोपियांे ने अधिकतर कम्पनियां व करण्ट अकाउण्ट खुलवाये गये थे, एक ही पते पर। 
10 कम्पनी में डायरेक्टरषिप के लिये करवा लेते थे, अपने दोस्तों से हस्ताक्षर।
11 अपराध में प्रयुक्त मोबाइल, सीम एवं दस्तावेज किये है, आरोपी से जप्त।
12 पेमेण्ट गेटवे के माध्यम से राज्य सायबर सेल इन्दौर ने फ्रिज कराए धोखाधडी के 12 लाख 50 हजार रूपये।

      अतिरिक्त पुलिस महानिदेषक राज्य सायबर पुलिस द्वारा आर्थिक अपराधों में तकनीक के दुरूपयोग के तत्काल निकाल करने के संबंध में हाल ही दिये गये निर्देषों के पालन में की गई कार्यवाही में राज्य सायबर सेल इन्दौर पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह के द्वारा बताया गया कि फरियादी सैय्यद रिजवान उल हक निवासी- इन्दौर के द्वारा एक षिकायत आवेदन पत्र दिया। जिसमें आवेदक के फेसबुक ऐड पर टैस्को ग्लोबल अप्पलीकेषन का विज्ञापन देखकर आवेदक द्वारा अपने मोबाइल में डाउनलोड कर दिये गये मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क करने पर टास्कींग का कार्य बताकर उक्त अप्पलीकेषन पर रिचार्ज कर अधिक मुनाफा कमाने का लालच देकर फरियादी से 2250000/-रूपये 8 दिनों में टैस्को ग्लोबल अप्पलीकेषन पर ऑनलाइन ट्रांसफर करवाये गये। षिकायत की जॉच पर से अपराध क्रमांक 88/2021 धारा 420 भादवि एवं 66डी आइटी एक्ट का अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। जिसकी विवेचन हेतु एक टीम निरीक्षक अंजू पटेल, सउनि0 रामप्रकाष बाजपेई एवं आर0 रमेष भिडे की गठित की गई। 
       दौराने विवेचना फरियादी के द्वारा बतायी गई अप्पलीकेषन की जानकारी प्राप्त करने पर प्राप्त जानकारी में चायना से ऑपरेट होना पायी गयी। फरियादी के बैंक खातों का तकनीकी विष्लेषण करने पर ज्ञात हुआ कि फरियादी के एक बैंक खाते से www.rummyvip.in डोमेन पर रूपया ट्रांसफर होना पाया गया, एवं एक बैंक खाते से पेमेण्ट गेटवे कम्पनी पर रूपया ट्रांसफर होना पाया गया। www.rummyvip.in डोमेन की जानकारी प्राप्त करने पर प्राप्त जानकारी में www.rummyvip.in वेबसाइट भी चायना से ऑपरेट होना पायी गयी। तब पेमेण्ट गेटवे सर्विस से जानकारी प्र्राप्त करने पर उनके द्वारा दिये गये केव्हायसी डॉक्यूमेंट में कम्पनी नाम कॉन्फिगर जिनस टेक्नोलॉजी प्रा0लि0 व मेल आइडी, मोबाइल नम्बर एवं लिंक कॉन्फिगर जिनस टेक्नोलॉजी प्रा0लि0 के नाम से बैंक खाते की जानकारी प्रदाय की गई। लिंक बैंक खाते की जानकारी प्राप्त करने पर पता चला कि उक्त बैंक खाते में कोई भी रूपया ट्रांसफर होना नही पाया गया। मेल आइडी व मोबाइल नम्बर भी चायना से ऑपरेट होना पाये गये। कॉन्फिगर जिनस टेक्नोलॉजी प्रा0लि0 कम्पनी के पते की तस्दीक करने पर उक्त नाम की कम्पनी होनी नही पायी गयी। तब टीम द्वारा पेमेण्ट गेटवे सर्विस के द्वारा दिये गये दस्तावेजों का विष्लेषण करने पर एक पोस्टल एड्रेस की जानकारी प्राप्त हुई, जिसकी जानकारी प्राप्त करने पर जतिन सिंह पिता श्री मंजीत सिंह निवासी- दिल्ली के पते की तस्दीक की गई। जहॉ से किराये का मकान खाली कर दूसरे पते पर जाकर रहना पाया गया। टीम द्वारा तिसरे पते पर जाकर तस्दीक करने पर जतिन सिंह पिता श्री मंजीत सिंह का रहना पाया गया। जिसको जरिये नोटिस राज्य सायबर सेल कार्यालय तलब करने पर आरोपी जतिन सिंह द्वारा पूछताछ में बताया कि उसके द्वारा उसकी कम्पनी Say Legal के माध्यम से सुनेहरा बर्ड नाम की चाइनीज कम्पनी को कम्पनी बनाकर देने का कॉन्ट्रेक्ट लिया गया था। जिसके लिये जतिन सिंह की मुलाकात सुनेहरा बर्ड कम्पनी के जनरल मैनेजर शॉन (HE XIAO FEI S/O HE ZAI MEI) से व सुनेहरा बर्ड कम्पनी के अन्य चायनीस कर्मचारी जिसमें एक पूजा केरी से मेल पर कन्वरसेषन हुआ। शॉन (HE XIAO FEI S/O HE ZAI MEI) व पूजा केरी की डिमाण्ड पर आरोपी जतिन ने अपराध में शामिल कम्पनियां कॉन्फिगर जिनस टेक्नोलॉजी एवं Concursus Technologies private limited कम्पनी में जतिन सिंह, इन्द्रनील बसु एवं उसके दो दोस्त को उक्त दोनों कम्पनियों में डायरेक्टर बनाकर उसमें इन्द्रनील बसु को 99 प्रतिषत शेयर देकर कम्पनी को रजिस्टर्ड किया गया, एवं पूजा केरी व शॉन (HE XIAO FEI S/O HE ZAI MEI) के बताये मेल आइडी व मोबाइल नम्बर के माध्यम से उक्त कम्पनियों के नाम से बैंक खाते खुलवाये गये, तथा www.rummyvip.in डोमेन के नाम से पेमेण्ट गेटवे सर्विस और वर्चुवल अकाउण्ट के लिये इन्द्रनील बसु के हस्ताक्षर युक्त दस्तावेज पूजा केरी को दिये गये थे। जिनके माध्यम से पेमेण्ट गेटवे सर्विस में वर्चुवल अकाउण्ट खुलवाया गया। बाद में आरोपी जतिन सिंह द्वारा अपराध में शामिल कम्पनियों से जतिन, इन्द्रनील बसु और अन्य को रिजाइन करवाकर पूजा केरी व शॉन के बताये नामों के दो डायरेक्टर अपॉइन्ट कर लिये गये। जिनकी भूमिका में पता चला कि वह वह गुडगॉव हरियाणा में रहकर हाउस किपिंग का काम करते है, तथा कक्षा 10वीं तक की पढाई की है। जिनके दस्तावेजों का दुरूपयोग कर फर्जी कम्पनी के डायरेक्टर बनाये गये।  
ऐसे ही आरोपी जतिन सिंह और इन्द्रनील बसु के द्वारा अलग-अलग कम्पनियों में डायरेक्टर बनकर 99 प्रतिषत शेयर अपने पास रखकर अलग-अलग नामो से 15 कम्पनियां एक ही पते पर रजिस्टर्ड कर, और उन नामों से बैंक खाते खुलवाकर उनका इन्टरनेट बैंकिंग पासवर्ड पूजा केरी एवं शॉन को दिये। 
उक्त प्रकरण की विवेचना में निरीक्षक अंजू पटेल, सउनि0 रामप्रकाष बाजपेई, एवं आर0 रमेष भिडे, महावीर सिंह, गजेन्द्र सिंह की सराहनीय भूमिका रही। 

आरोपी का नाम पताः- 1. जतिन सिंह पिता श्री मंजीत सिंह उम्र- 28 साल निवासी- तृतीय बी 86 फॉर्थ फ्लोर विष्णु गार्डन दिल्ली 110018
2. इन्द्रनील बासु पिता निलोय कुमार बोस उम्र-27 साल निवासी- प्लॉट नम्बर 13, न्यू नम्बर आर जेड 174 फर्स्ट फ्लोर विष्णु गार्डन नई दिल्ली 110018 

सावधानियॉः- 1.किसी भी सोषल अकाउण्ट (फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं अन्य ) पर दिये रूपये दूगुना करने का लालच, ट्रेडिंग जिसमे अधिक मुनाफा देने का प्रलोभन दिया जाता है, ऐसे सोषल अकाउण्ट पर आये विज्ञापन को नजर अंदाज करें। 
2. सोषल अकाउण्ट पर इस प्रकार की वेबसाइटों एवं गेमिंग वेबसाइटों /एप्पलीकेषन तथा ट्रेडिंग से संबंधित वेबसाइट/एप्पलीकेषन पर दिये जा रहे प्रलोभन से सावधान रहे।
3. सोषल अकाउण्टों पर दिये जा रहे विज्ञापन में अपनी निजी जानकारी, बैंक खाते की डिटेल्स, डेबिट/क्रेडिट कार्ड की डिटेल एवं बैंक खाते से लिंक मोबाइल नम्बर शेयर न करें।
4. किसी भी अंजान व्यक्ति को अपने मोबाइल पर आये हुए ओटीपी शेयर न करें।
5.  बैंक के संबंध में आये हुए कोई भी मैसेज प्राप्त होने पर बैंक जाकर ही जानकारी प्राप्त करें। 
6. फोन कॉल, व्हाट्सएप कॉलिंग/चेट पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देष का पालन बिल्कुल भी न करें।

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