किशोर न्याय अधिनियम एवं साइबर अपराधों से बचाव हेतु पी एल वी का प्रशिक्षण आयोजित। कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ...
कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला न्यायालय राजगढ़ मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देश के पालन में माननीय श्रीमान अनिल कुमार भाटिया प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष महोदय के मार्गदर्शन में, जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजगढ़ श्रीमती मीनल श्रीवास्तव के नेतृत्व में सुश्री कीर्ति उइके प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड, राजगढ़ के मुख्य आतिथ्य में एवं श्री शकील अंजुम विषय विशेषज्ञ, श्री फारुख अहमद सिद्दीकी जिला विधिक सहायता अधिकारी के विशेष आतिथ्य में ऑनलाइन माध्यम से जिला एवं तहसील के पैरा लीगल वालंटियर सेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में सुश्री कीर्ति उइके प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड द्वारा किशोर न्याय अधिनियम विषय पर पैरा लीगल वालंटियर की भूमिका, अधिनियम का उद्देश्य, लीगल एड क्लीनिक की कार्यप्रणाली की जानकारी दी। इस अवसर पर श्री शकील अंजुम के द्वारा सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के प्रावधानों के संबंध में अवगत कराया, साथ ही इंटरनेट, सोशल मीडिया पर होने वाले अपराधों जैसे लोन के नाम पर ठगी, लॉटरी के नाम पर ठगी, फेसबुक व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम,ओ एल एक्स व अन्य एप्लीकेशन के माध्यम से लालच देकर ठगी करने के तरीके की जानकारी दी। साथ ही इनसे बचाव के तरीके व विधिक समस्या होने पर क्या किया जाना चाहिए, के बारे में बताते हुए कहा कि आमतौर पर बैंक के नाम पर केबीसी प्रतियोगिता के नाम पर फोन कॉल आते हैं और राशि जमा कराने के लिए कहा जाता है इस प्रकार के लालच में ना आएं तथा अपना ओटीपी पासवर्ड आदि किसी के साथ भी साझा ना करें। यदि किसी के साथ कोई साइबर अपराध हो भी जाता है तो, तत्काल अपने बैंक व साइबर सेल में शिकायत दर्ज करें अपने सोशल मीडिया अकाउंट जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि को टू स्टेप वेरीफिकेशन के माध्यम से सुरक्षित करें। किसी भी प्रकार की साइबर ठगी संबंधी समस्या के समाधान हेतु निशुल्क विधिक सलाह के लिए संपर्क कर सकते हैं व अपनी शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल http//:cybercrime.gov.in पर भी दर्ज करा सकते हैं, टोल फ्री नंबर 1930 शिकायत दर्ज की जा सकती है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री फारूक अहमद सिद्दीकी जिला विधिक सहायता अधिकारी ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किशोरों के हित में संरक्षण एवं देखभाल हेतु निरंतर किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन किए गए हैं। किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत स्थापित किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, विशेष किशोर पुलिस इकाई व देखभाल हेतु संस्थानों के माध्यम से किशोरों को न्याय दिलाने एवं संरक्षण, पुनर्वास का प्रयास किया जाता है। नालसा की बच्चों के मैत्रीपूर्ण विधिक सेवा योजना के अंतर्गत भी किशोरों को न्याय दिलाने हेतु किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति में लीगल एड क्लीनिक की स्थापना की गई है ।जहां निशुल्क विधिक सहायता, सलाह के साथ ही शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास पैरालीगल वॉलेंटियर्स के माध्यम से किया जाता है।
साइबर विशेषज्ञ शकील अंजुम साइबर अवेयरनेस के क्षेत्र में अपनी संस्था साइबर वेलफेयर सोसाइटी के माध्यम से अच्छा काम कर रहे है। कई लोगो की मदद की ही ताकि वो साइबर क्राइम की शिकार होने से बच सके।
वर्चुअल माध्यम से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला एवं तहसील पर कार्यरत पैरालीगल वॉलेंटियर्स द्वारा सहभागिता की तथा से साइबर लॉ से संबंधित अपने प्रश्न विषय विशेषज्ञ से पूछ कर जानकारी प्राप्त की।
जिला विधिक सहायता अधिकारी
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