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हजारों फर्जी मोबाईल नंबर ब्लॉक | इतनी बड़ी संख्या में सिम ब्लॉक कराए जाने का अपनी तरह का देश का संभवत : पहला मामला है ।

म ० प्र ० राज्य सायबर पुलिस की बड़ी सफलता : सायबर अपराधों में हथियार के रूप में प्रयोग होने वाली हजारों फर्जी मोबाईल नंबर ब्लॉक । इतनी बड़ी ...

म ० प्र ० राज्य सायबर पुलिस की बड़ी सफलता : सायबर अपराधों में हथियार के रूप में प्रयोग होने वाली हजारों फर्जी मोबाईल नंबर ब्लॉक ।

इतनी बड़ी संख्या में सिम ब्लॉक कराए जाने का अपनी तरह का देश का संभवत : पहला मामला है ।


 1. फरियादी के साथ फेसबुक पर कार का विज्ञापन देकर की गई थी 1.75 लाख रूपये की ठगी । 

२.अज्ञात आरोपी द्वारा प्रदेश से फर्जी नाम पर जारी सिम का किया  था उपयोग ।

 3 . घटना में प्रयुक्त सिम सत्यापन पर नागरिकों के आईडी का उपयोग कर जारी करना पाए गए । 

 4. प्रकरण की विवेचना में अब तक 08 संदिग्धों के विरूद्ध की जा चुकी है वैधानिक कार्यवाही ।

 5. फर्जी सिम उपयोग करने वाले संदिग्धों द्वारा उपयोग की गई बीस हजार से अधिक संदिग्ध मोबाईल नंबरों का डाटा किया गया एकत्र 

6. संदिग्ध सिमों के रिवेरिफिकेशन कराए जाने के बाद कंपनी द्वारा बंद की गई 7948 सिमें

7. सायबर अपराधियों द्वारा प्रयोग में लाई जा रहे थे ये नंबर | 

8. इतनी बड़ी संख्या में सिम ब्लॉक कराए जाने का अपनी तरह का देश का संभवत : पहला मामला है ।

 म ० प्र ० राज्य सायबर पुलिस द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री योगेश देशमुख के मार्गदर्शन में • सायबर अपराधियों के विरूद्ध लगातार कार्यवाही की जा रही है । इसी कड़ी में सायबर पुलिस जोन ग्वालियर ने सायबर ठगी के एक साधारण से दिखने वाले प्रकरण में गहन तकनीकी विश्लेषण करते हुए न केवल हजारों संदिग्ध मोबाईल नंबरों का पता लगाया , बल्कि लगभग आठ हज्जार संदिग्ध मोबाईल नंबरों को ब्लाक कराने में सफलता अर्जित की है ।

 म ० प्र ० राज्य सायबर पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ने फेसबुक पर कार का विज्ञापन देखकर कार खरीदने हेतु 1 लाख 75 हजार रूपये जमा करा लिए जाने और इस प्रकार ठगी हो जाने की शिकायत वर्ष 2020 में सायबर पुलिस जोन ग्वालियर में की थी , जिस पर अपराध क्रमांक 162/2020 कायम किया गया । विवेचना के दौरान यह पाया गया कि आरोपी ने फरियादी से मोबाईल पर बात करने के लिए जिस मोबाईल का प्रयोग किया था , वह नंबर किसी नागरिक के पहचान दस्तावेजों का प्रयोग कर फर्जी तरीके से जारी किया गया था । विवेचना में फर्जी सिम जारी करने की प्रक्रिया में संलिप्त 08 आरोपियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गयी है । इसके अलावा विवेचना टीम ने आरोपीगण की तलाश में एकत्र किये गए डाटा के विश्लेषण पर पाया कि प्रकरण में प्रयुक्त मोबाईल नंबरों के उपयोगकर्ताओं ने विगत एक वर्ष की अवधि में लगभग 20 हजार मोबाईल नंबरों का प्रयोग किया है । इन नंबरों • संदिग्ध मानते हुए इन्हें जारी करने बाली विभिन्न टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों वोडाफ़ोन आईडिया , एयरटेल बी ० एस ० एन ० एल ० को इन नम्बरों के रिवेरिफिकेशन हेतु लेख किया गया । जिसके बाद टेलीकॉम सर्विस प्रोवाईडर कंपनी वोडाफोन आईंडिया द्वारा तत्परता से कार्यवाही करते हुए 7948 सिमों को बंद कर दिया । 

 इन सिमो का ब्लाक किया जाना इसलिए भी अधिक महत्वपूर्ण है , क्योंकि इस प्रकार की फेक सिमों का प्रयोग करके ही सायबर अपराधियों द्वारा देश के भोले भाले नागरिकों के साथ सायबर अपराध विशेषकर ठगी की जाती है , परन्तु उगी की शिकायत जांच पर पुलिस असली सायबर अपराधियों तक नहीं पहुँच पाती , क्योंकि ये सिम निर्दोष नागरिको के आई ० डी ० का प्रयोग कर प्राप्त की गयी होती है । इन सिमो के ब्लाक होने के बाद इन सिमों का प्रयोग सायबर अपराध में करना संभव नहीं हो पायेगा | इस प्रकार ठगी के एक सामान्य प्रकरण में अनुसंधान और संदिग्ध आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के साथ - साथ डाटा कलेक्शन तथा सूक्ष्म गहन विश्लेषण से हजारों की संख्या में संदिग्ध मोबाईल नंबरों का पता लगाने और लगभग 08 हजार फर्जी सिम नंबर ब्लॉक कराये जाने का यह संभवत पूरे देश का अपनी तरह का पहला मामला है । आज जिस प्रकार से सायबर अपराधों में वृद्धि हो रही है , उसे रोकने के लिए इस प्रकार की कार्यवाही की आवश्यकता है । इस प्रकार की प्रक्रिया लगातार जारी रखी जाएगी तथा इस विश्लेष्ण में शामिल सायबर पुलिस जोन ग्वालियर के सभी अधिकारी कर्मचारियों टीम को पुरुष्कृत किया जाएगा ।

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