Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Breaking News

latest

बेटा-बेटी में फर्क नहीं करें, उन्हें बराबरी का दर्जा दें-गायत्री जसवंत गुर्जर

बेटा-बेटी में फर्क नहीं करें, उन्हें बराबरी का दर्जा दें -गायत्री जसवंत गुर्जर  महिला दिवस पर आयोजित हुआ महिलाएं पढ...

बेटा-बेटी में फर्क नहीं करें, उन्हें बराबरी का दर्जा दें
-गायत्री जसवंत गुर्जर 
महिला दिवस पर आयोजित हुआ

महिलाएं पढ़े-लिखें। शिक्षित होकर उच्च पदों पर पहुंचें। महिलाएं पुरूषों से कम नहीं हैं। बेटा-बेटी में फर्क नहीं करें। उन्हें बराबरी का दर्जा दें। देहज, नातरा और बाल विवाह जैसी कुप्रथाएं बंद होनी आवष्यक है। यह बात आज 111 वें अंतराष्ट्रीय दिवस पर स्थानीय मंगल भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति गायत्री जसवंत गुर्जर ने कही। 

आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री हर्ष दीक्षित ने कहा कि समाज में और परिवार में महिलाओं के सहयोग एवं भागीदारी को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। वे देष की समृद्धि और विकास में लगभग 70 प्रतिशत की भागीदारी करती है। उन्होंने कहा कि कमजोर है, महिला है, वह यह कार्य नहीं कर पाएंगी आदि, आदि जैसी सोच और मानसिकता में हमें परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। 
उन्होंने कहा कि समाज में महिला-पुरूष में बराबरी तब ही आएगी जब हम किसी फील्ड या पद आदि के बारे में सोंचे या शब्द मन में आए तो मस्तिष्क में महिला और पुरूष दोनों की छवि आनी चाहिए। 

इस मौके पर पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा ने कहा कि महिलाओं की बराबरी पुरूष कभी नहीं कर सकता है। वे नौकरी भी करती हैं, घर भी संभालती और समाज का भी ख्याल रखतीं हैं। महिलाओं को सभीजनों को सम्मान दें। 
समाजशास्त्री श्रीमति वागीशा दीक्षित ने कहा कि महिला सशक्तिकरण तक पहुंचने के लिए महिलाओं को स्वयं की पहचान बनानी होंगी। वे अपनी स्वयं की पहचान को महत्व दें। परिवार में सभीजन महिला के विचारों को महत्व दें और निर्णयों को माने भी। संगठन में शक्ति होती है। महिला-पुरूष मिलकर कार्य करेंगे तो महिला सषक्तिकरण होगा और महिला दिवस की सार्थकता होगी। उन्होंने महिलाओं को निर्णय लेने में भागीदारी बनाए जाने की भी बात कही। 

इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमति प्रीति यादव ने कहा कि महिला दिवस की सार्थकता तब ही साबित होगी जब महिला दिवस जैसे कार्यक्रम आयोजित ही नही करने पड़े। 

आयोजित कार्यक्रम में सुश्री नीलम सक्सेना, सुश्री सुनीता दुबे, श्री मनोज हाड़ा, सदगुरू सेवा संस्थान के डॉ. यू.पी. शर्मा आदि अतिथियों द्वारा महिला सशक्तिकरण एवं समाज में महिलाओं की बराबरी की सहभागिता पर अपने-अपने  विचार व्यक्त किए तथा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारियां भी दी। 

कार्यक्रम के प्रारंभ में कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्रीमति सुनीता यादव ने महिला दिवस के उद्देश्य बताए। आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान, महिला स्वास्थ्य का आयोजन, अपराजिताः बालिकाओं द्वारा मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया गया तथा महिला बाल विकास विभाग द्वारा पोषण आहार प्रदर्शनी कार्यक्रम स्थल पर आयोजित की गई। 

कोई टिप्पणी नहीं