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तंबाकू दुष्प्रभावों से सब परिचित हैं, लेकिन त्याग हेतु इच्छाशक्ति की कमी है - जिला न्यायाधीश मीनल श्रीवास्तव

तंबाकू दुष्प्रभावों से सब परिचित हैं, लेकिन त्याग हेतु इच्छाशक्ति की कमी है - जिला न्यायाधीश मीनल श्रीवास्तव 31 मई को प्रतिवर्ष ...



तंबाकू दुष्प्रभावों से सब परिचित हैं, लेकिन त्याग हेतु इच्छाशक्ति की कमी है - जिला न्यायाधीश मीनल श्रीवास्तव

31 मई को प्रतिवर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, क्या कभी हमने सोचा है? विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाए जाने हेतु सन 1987 में समर्थन किया क्योंकि, तंबाकू उत्पादों के सेवन से दुनिया भर की बहुसंख्यक आबादी विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रही थी एवं मौत का आंकड़ा बढ़ रहा था, इसलिए तंबाकू के दुष्प्रभावों का प्रचार प्रसार, तंबाकू सेवन से बचने के उपायों आदि के संबंध में जागरूकता लाने के उद्देश्य से संपूर्ण विश्व में 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस आयोजित किया जाने लगा है। चूंकि ऐसा नहीं है कि, हम तंबाकू के सेवन के दुष्प्रभावों से परिचित नहीं है, सिर्फ कमी है तो दृढ़ इच्छाशक्ति की, जिससे कि तंबाकू की लत का त्याग किया जा सके। उक्त वक्तव्य जिला राजगढ़ में नर्सिंग की ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली छात्राओं एवं पैरा लीगल वालंटियर हेतु 31 मई 2022 को जी.एन.एम. ट्रेनिंग सेंटर, राजगढ़ में आयोजित किए गए कार्यशाला के दौरान मुख्य अतिथि मीनल श्रीवास्तव जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजगढ़ द्वारा व्यक्त किए गए।

मुख्य अतिथि द्वारा तंबाकू के सेवन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, आप सभी नर्सिग छात्राएं एवं पैरा लीगल  वॉलंटियर्स जो कि प्रतिदिन अपने सेवा कार्य के दौरान नशे के आदी लोगों से मिलते हैं, उन्हें तंबाकू से निजात पाने की सलाह देनी चाहिए, इसके दुष्परिणामों के बारे में बताना चाहिए। भले ही तंबाकू निषेध दिवस से 1 दिन आयोजित किया जाता है, लेकिन एक दिन से पूरा वर्ष तक समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन की शपथ लेनी चाहिए। जागरूकता से ही बचाव है।

उक्त कार्यक्रम मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के द्वारा मासिक कार्ययोजना के क्रम में दिनांक 31 मई 2022 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस आयोजन हेतु प्रेषित निर्देश के पालन में प्रधान जिला न्यायाधीश, जिला न्यायालय राजगढ़ अनिल कुमार भाटिया के मार्गदर्शन में जी.एन.एम. ट्रेनिंग सेंटर, राजगढ़ में आयोजित किया गया। जी.एन.एम. ट्रेनिंग सेंटर, राजगढ़ में आयोजित किए गए कार्यशाला के दौरान मुख्य अतिथि के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला न्यायालय, राजगढ़ से शबनम कादिर मंसूरी एवं कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजगढ़ से जिला विधिक सहायता अधिकारी ऋतु प्रजापति एवं स्वास्थ्य विभाग राजगढ़ से जिला तंबाकू नियंत्रण अधिकारी डॉक्टर ए.के. मित्तल, चिकित्सा अधिकारी डॉ रीता यदु, डॉ सुनील वर्मा एवं अन्य अधिकारी, कर्मचारी गण उपस्थित रहे। 

इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सबनम कदीर मंसूरी द्वारा भी अपने उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए तंबाकू निषेध के बारे में वैज्ञानिक प्रावधानों के बारे में समझाया एवं बताया की, तम्बाकू के सेवन से संपूर्ण विश्व में लगभग 70 लाखे मौते प्रतिवर्ष होती है। जोकि अत्याधिक विचारणीय तथ्य है, हम एक सामाजिक संरचना के अभिन्न अंग है, हम प्रतिदिन कई लोगों/मरीजों से संपर्क करते हैं, उन्हें हर पल तम्बाकू से मुक्ति पाने की सलाह देनी चाहिए, उन्हें जागरूकता प्रदान करना चाहिए। ताकि समाज के लोग तंबाकू के सेवन दुष्प्रभावो, बीमारियों से ग्रसित ना हो एवं आर्थिक तौर पर सुदृढ़ बन सके।

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