इंदौर शहर में प्रथम चरण में निरंजनपुर चौराहा से राजीव गांधी चौराहा तक 24*7 संचालित हो सकेंगे विभिन्न व्यवसायिक एवं औद्योगिक संस्...
इंदौर शहर में प्रथम चरण में निरंजनपुर चौराहा से राजीव गांधी चौराहा तक 24*7 संचालित हो सकेंगे विभिन्न व्यवसायिक एवं औद्योगिक संस्थान
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यात्रियों को प्रत्येक 30 मिनट की अवधि में उपलब्ध रहेगी सिटी बस
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कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा हेतु किए गए पुख्ता इंतजाम
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कलेक्टर श्री सिंह ने जारी किए आदेश
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आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार के नए अवसरों का होगा सृजन
जनवरी माह में आयोजित किए गए स्टार्टअप कॉन्क्लेव के दौरान उद्यमियों की मांग पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए निर्देशों तथा जनप्रतिनिधिगण एवं स्टार्टअप संचालकों के साथ विगत दिवस आयोजित की गई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुपालन में कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा इंदौर शहर के कुछ हिस्से को 24*7 संचालन की अनुमति प्रदान करने के आदेश जारी किए गए हैं।
मध्यप्रदेश दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144, मध्य प्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958, मध्य प्रदेश श्रम विधियां और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 2015, संशोधित कारखाना अधिनियम 1948 तथा मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री मनीष सिंह द्वारा निरंजनपुर चौराहा से राजीव गांधी चौराहा तक 11.45 किलोमीटर लंबी एवं 60 मीटर चौड़े बीआरटीएस कॉरिडोर के दोनों और सभी प्रकार के प्रतिष्ठानों जैसे औद्योगिक/व्यवसायिक/कार्यालय/विभिन्न प्रकार की सेवाएं/शैक्षणिक/लॉजिस्टिक/खानपान के रेस्टोरेंट एवं होटल आदि सभी संस्थानों को संपूर्ण रात्रि अर्थात 24*7 संचालन की सशर्त अनुमति प्रदान की गई है।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि इंदौर शहर में 24*7 संचालन की अनुमति से जहां एक और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे वहीं दूसरी ओर इकॉनॉमी में भी बढ़ोतरी होगी। इस कॉरिडोर के 24*7 सफल संचालन के उपरांत अगले चरण में शहर के अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार के आदेश जारी किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि उक्त क्षेत्र के सभी प्रतिष्ठानों एवं संस्थानों को आदेश में दिये गये विभिन्न प्रक्रियाओं का पालन करना अनिवार्य रहेगा।
सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य
जारी आदेशानुसार सभी संस्थानों एवं प्रतिष्ठानों को सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य रहेगा। प्रत्येक कैमरे की लाइव रिकॉर्डिंग पर सतत निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। रिकॉर्डिंग को पुलिस विभाग के मांगे जाने पर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी प्रतिष्ठान के मालिक की होगी। संस्थान/प्रतिष्ठान में स्थापित किये जाने वाले समस्त कैमरों की रिकॉर्डिंग 30 दिनों तक रखना बंधनकारी होगा। साथ ही पूरे संस्थान पर सूचना पटल लगाना होगा कि "आप कैमरे की निगरानी में है"। रात्रि कालीन सेवा प्रारंभ किये जाने के पूर्व उपरोक्तानुसार सर्विलेंस सिस्टम को प्रारंभ करना अनिवार्य होगा।
उक्त 11.45 किलोमीटर बी.आर.टी.एस. कॉरिडोर में पुलिस अधिकारियों से हुई चर्चानुसार अनेक सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे सी.सी.टी.वी कैमरा लगाए जाने आवश्यक है, जो नंबर प्लेट एवं चेहरे चिन्हांकित कर सके। इसके तहत ऑटो नंबर प्लेट रीडर, अत्याधुनिक कैमरे के साथ-साथ पैन टिल्ट जूम (PTZ) कैमरा तथा सामान्य सी.सी.टी.वी. कैमरा स्थापित किया जा रहा है।
महिला सुरक्षा का रखना होगा ध्यान
प्रत्येक प्रतिष्ठान/व्यवसायी के द्वारा मध्यप्रदेश दुकान तथा स्थापना अधिनियम 1958 के प्रावधानों अंतर्गत रात्रिकालीन अवधि में कार्य हेतु वियोजित की जाने वाली महिलाकर्मियों की सुरक्षा की दृष्टि से समुचित आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराते हुए उन्हें कार्य स्थल से लाने-ले जाने की व्यवस्था हेतु सुरक्षित परिवहन, टेलीफोन/मोबाईल व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा, यौन उत्पीडन को रोकने के लिये समुचित कदम एवं व्यवस्थायें आदि का समुचित दायित्व नियोजक का होगा। साथ ही रात्रिकालीन अवधि में नियोजित कर्मचारियों के ब्यौरे की रिपोर्ट शासकीय श्रम पदाधिकारी/सहायक श्रमायुक्त को निर्धारित अवधि में भेजी जाना सुनिश्चित करना होगा।
LOGO एवं 311 एप
उपरोक्त बी.आर.टी.एस. क्षेत्र में कोई भी प्रतिष्ठान/व्यवसायी जो रात्रि में अपना प्रतिष्ठान खुला रखना चाहता है उसे निर्धारित ऑनलाईन नगर निगम के एप/पोर्टल 311 पर अपना पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त उक्त प्रतिष्ठान को सुलभ दृष्टिगोचर होने वाले स्थान पर इन्दौर का निर्धारित LOGO लगाना अनिवार्य होगा। इन्दौर LOGO लगाने से लाभ यह होगा कि नागरिकों को यह मालूम पड़ेगा कि कौन सी स्थापना रात्रि में खुली रहेगी।
निगम स्तर से बी.आर.टी.एस. क्षेत्र पर रात्रिकालीन अवधि में प्रारंभ की जा रही दुकानों के व्यवसायियों के सहयोग एवं सुविधा हेतु एक हेल्प डेस्क स्थापित की जायेग
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