वृध्द महिला की सिम पोर्ट करवाकर यूपीआई के माध्यम से पैसे उडाने वाला किराएदार को राज्य साइबर सेल इंदौर ने किया गिरफतार • नौवी कक...
वृध्द महिला की सिम पोर्ट करवाकर यूपीआई के माध्यम से पैसे उडाने वाला किराएदार को राज्य साइबर सेल इंदौर ने किया गिरफतार
• नौवी कक्षा तक पढा लिखा हैं आरोपी
• इंदौर की कंपनी में फिडर का काम करता था आरोपी
• शिकायतकर्ता के घर में किराए से रहता था आरोपी
• शिकायतकर्ता वृध्द होने के कारण अपने खाते से पैसे निकलाने एवं डालने के लिए साथ जाता था आरोपी
• वृध्दा की खाते से रजिस्टर्ड सिम को अपने दोस्त मानसिंह के नाम आरोपी ने कराया पोर्ट
• वृध्दा की खाते व कार्ड की जानकारी लेकर पोर्ट की गई सिम के माध्यम से फोन पे पर किया रजिस्टर्ड
• आरोपी ने फोन पे यूपीआई के माध्यम से उडाए वृध्दा के खाते से पैसे
• खाते से पैसे उडाकर आरोपी हो गया था फरार
• मोबाइल रिचार्ज ना कराना पड़े इसलिए बार बार करता था आरोपी अपनी सीम पोर्ट
• तकनीकी दक्षता एवं व्यवसायिक कार्यकुशलता के आधार पर आरोपी को पकडने में प्राप्त की सफलता
श्री देशमुख, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल व्दारा सायबर फायनेंसियल फ्राड के रोकथाम पर प्रभावी कार्यवाही कर निराकरण के हाल ही मे निर्देश दिये गये। उक्त निर्देशो के पालन में की गई कार्यवाही में राज्य सायबर सेल इंदौर, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह के व्दारा बताया गया कि फरियादीया सीताबाई पति स्व समंदर सिंह पवार उम्र 72 साल निवासी कपाल्याखेडी इंदौर ने राज्य सायबर जोन इंदौर पर शिकायत की थी कि खाते से बिना जानाकरी के 599951 रूपए की धोखाधडी के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी । फरियादीया की रिपोर्ट पर राज्य सायबर जोन इंदौर पर अपराध क्रं. 72/2022 धारा 419, 420 भादवि 66-डी आईटीएक्ट के अंतर्गत अपराध पंजीबध्द कर अनुसंधान में लिया गया।
अपराध अनुसंधान के दौरान तकनीकी साक्ष्य में आयी जानकारी के आधार पर आरोपी चंद्रकुमार विश्वकर्मा पिता स्व.रामलाल विश्वकर्मा उम्र 26 साल निवासी ग्राम ईटमा खजुरीताल जिला सतना को नोटीस देकर बुलवाया गया जिसमें आरोप से सघनता से पुछताछ करने आरोपी द्वारा बताया गया की मैं इंदौर की कंपनी में फिडर का काम करता था सीताबाई मेंरी मकान मालकिन थी यह मुझे अपने बैंक से पैसे निकालने एवं डालने के लिए साथ में ले जाया करती थी इस कारण इनके मोबाईल नंबर, खाता एवं कार्ड नंबर की जानकारी मेरे पास थी । मैनें अपने दोस्त मानसिंह के नाम सीताबाई की सिम को पोर्ट करवा लिया था फिर सीताबाई के खाता नंबर, कार्ड नंबर एवं पोर्ट करवाए मोबाईल नंबर के जरिए फोन पे पर रजिस्टर्ड करवा लिया था ओर उसके यूपीआई के माध्यम से सीताबाई के खाते से पैसे निकाल लिए थे । मुझे लगा इस बात का किसी को भी पता नहीं चलेगा खाता नंबर एवं जानकारी सीताबाई की ही आएगी तो मुझ पर कोई शक नहीं कर पाएगा । उक्त घटना में प्रयुक्त मोबाईल को विधिवत रूप जप्त किया गया हैं ।
उक्त कार्यवाही में निरीक्षक सोनल सिसोदिया, उप निरीक्षक अम्बाराम बारूड, आशीष जैन, प्रआर विवेक मिश्रा , आरक्षक विक्रांत तिवारी, आरक्षक राकेश बामनीया तथा आरक्षक राहुल भोसले की सराहनीय भूमिका रही।
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