*कलयुगी मामा को 20 साल की सजा* राजगढ। माननीय न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश नरसिंहगढ श्री शषिभूषण शर्मा ने अपने न्यायालय क...
*कलयुगी मामा को 20 साल की सजा*
राजगढ। माननीय न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश नरसिंहगढ श्री शषिभूषण शर्मा ने अपने न्यायालय के सत्र प्रकरण क्रमांक 159/20 धारा 302,201,376 भा.द.वि. 3/4 पॉक्सो एक्ट में फैसला सुनाते हुयेें अभियुक्त प्रेम (परिवर्तित नाम) को धारा 6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का कारावास एवं 1 लाख रूपये के दण्ड से दण्डित किया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवीकर्ता श्री मनोहर मण्डलोई अतिरिक्त अभियोजक एवं जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री आलोक श्रीवास्तव राजगढ ने संयुक्त रूप से की है।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि आरक्षी केन्द्र पचौर मे सूचक ने देहाती मर्ग दर्ज कराया कि दिनांक 16.02.2017 को सुबह 10ः00 बजे के पूर्व उसकी बहन मृतिका की मृत्यु हो गई है जिसकी जांच मे मृतिका की पीएम रिपोर्ट मे यह पाया गया कि मृतिका की मृत्यु गला घोटने के कारण हुयी है। तब अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया
.......दौरान विवेचना साक्षियों के कथनों के आधार पर यह पाया गया कि मृतिका की मृत्यु उसके घर में हुयी है जहां मृतिका का राखी बंध भाई और मृतिका तथा उसकी लडकियॉं घर पर थी। मृतिका के पति को अभियुक्त ने कुएं की चौकीदारी करने भेज दिया था।
सुबह 05-06 बजे मृतिका के पति को सूचना मिली कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब हो गयी है, तब वह घर गया था तो उसने देखा कि उसकी पत्नी मर गयी थी और आरोपी ने उसके शव को जलाने की तैयारी भी कर ली थी। विवेचना के दौरान सूचक करीब 12ः00 बजे बहन के घर पीपल्या रसोडा पहुंचने पर उसने देखा कि यह पाया गया कि आरोपी ने मृतिका की लाष को साडी से ढक कर रखा था। मृत्यु का कारण पूछने पर आरोपी ने बताया कि मृतिका का पेट फूल रहा था, सांस लेने में दिक्कत थी यही बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। बहन की मृत्यु संदिग्ध लगती है। तब रिश्ते दारो और पति के बोलने पर भी आरोपी मृतिका के PM कराने का विरोध कर रहा था..
मृतिका की नाबालिग पुत्री ने बताया कि आरोपी ने उसके साथ बलात्कार करता था, बलात्कार की बात पर आरोपी से झगडा करने पर आरोपी ने मृतिका की हत्या दुपटटे से गला घोट कर की थी, के आधार पर अभियुक्त प्रेम (परिवर्तित नाम) के विरूद्ध प्रकरण में धारा 302, 201, 376 भादवि एवं 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया और अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय प्रस्तुत किया गया।
इस प्रकरण को चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण की श्रेणि में रखा गया......
विचारण के दौरान प्रकरण में भारसाधक लोक अभियोजक श्री मनोहर मण्डलोई एवं श्री आलोक श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से विचारण के दौरान माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोजन की ओर प्रकरण के महत्वपूर्ण गवाहों के न्यायालय में कथन कराये और तर्क प्रस्तुत किये। विचारण उपरांत माननीय न्यायालय ने अभियुक्त प्रेम (परिवर्तित नाम) को धारा 6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का कारावास एवं 1 लाख रूपये जुर्माने से दण्डित किया है।
*आरोपी PM नहीं कराने दे रहा था*
आरोपी ने मृतिका की लाष को साडी से ढक कर रखा था। मृत्यु का कारण पूछने पर आरोपी ने बताया कि मृतिका का पेट फूल रहा था, सांस लेने में दिक्कत थी यही बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। बहन की मृत्यु संदिग्ध लगती है। तब रिश्ते दारो और पति के बोलने पर भी आरोपी मृतिका के PM कराने का विरोध कर रहा था..
*अपराध के समय अभियुक्त की मौके पर उपस्थिति प्रमाणित*
आरोपी ने अपनी अपराध के समय घटना स्थल पर उपस्थिति दूसरे स्थान पर बताई जन्म दिन और शादी की साल गिरह के कारण अखंड रामायण होने की गवाही कराई पर वह भी काम नहीं आई
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