*काहे पैसे पे इतना गुरुर करें हे । यही पैसा तो अपनों से दूर करें है* *जिला पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र जिला राजगढ़* जिला...
*काहे पैसे पे इतना गुरुर करें हे । यही पैसा तो अपनों से दूर करें है*
*जिला पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र जिला राजगढ़*
जिला पुलिस अधीक्षक श्री वीरेन्द्र कुमार सिंह के निर्देशन में तथा उप पुलिस अधीक्षक डी के शर्मा,एस डीओपी सनम बी की अगुवाई में *जिला परामर्शदाता श्रीमती रश्मि तिवारी, श्री आर.सी.शर्मा श्री घनश्याम जी मौर्य श्री स्वभाव आचार्य* के समक्ष आज दिनांक- 16/05/2023 को जिला पुलिस परिवार परामर्श में प्रकरण रखा गया ।
इस एक प्रकरण- आवेदक निर्मला / पति अशोक तिवारी निवासी मुल्तानपुरा ब्यावरा थाना देहात ब्यावरा एवं अनावेदक अशोक तिवारी पिता गिरधारीलाल तिवारी मुल्तानपुरा ब्यावरा थाना देहात ब्यावरा का प्रकरण था।
आवेदिका तीन दिवस पूर्व अपने पति द्वारा किये झगड़े से एवं अपनी जान की सुरक्षा से परेशान होकर दो बच्चों को साथ लेकर घर छोड़कर चली गई थी । जिस पर उसके पति ने गुमशुदगी की रिपोर्ट देहात थाना ब्यावरा में दर्ज करा दी थी । आवेदिका निर्मला ने परेशानी में सहायता के लिए श्रीमति रश्मि तिवारी से सहायता के लिए आग्रह किया कि मेरी सहायता करो मेरे लिए अब मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं है । इस पर रश्मि तिवारी ने निर्मला को अपनी एवं बच्चों की सुरक्षित रखने की सलाह दी समझाया कि जांन है तो जहान है ईश्वर पर भरोसा रखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक के पास आवेदन करने की सलाह दी । आवेदन करने पर जिला पुलिस अधीक्षक महोदय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अनावेदक को तुरंत थाना देहात के माध्यम से बुलवाया और जिला परामर्शदाताओं के सम्मुख जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही उपस्थित कराया ।
इस प्रकरण में दोनों पक्षों सुना पति द्वारा सबसे मुख्य बात घर के रुपये पैसे खर्च कर कर्ज लेने काम धन्धा न करने और पुत्री के विवाह में आये रुपये कर्ज चुकाने में खर्च कर दिये थे एवं दोनों पति-पत्नी के आपस में लड़ाई झगड़ा एवं मारपीट करने ग़लत शब्दों के प्रयोग से काफी समय से चल रहे विवाद बड़ा स्वरूप ले लिया था ।
इन सारी समस्याओं पर समझाया इस पर परिवार में मान सम्मान की लड़ाई झगड़े को भूलकर सुलह को राजी हुए निर्मला के द्वारा अपने आवेदन में पांच बात अपनी बेटी का वैवाहिक जीवन न बिगाड़ने, नियमित काम धन्धा करने, मारपीट गाली गलौज न करने बेटी को प्राप्त रकमों पर विवाद न करने जैसी बातों को अशोक से स्वीकार करने की शर्त रखी थी जिनको अशोक द्वारा स्वीकार करने पर राजी खुशी से रहने का मन बनाया ।
इस समझोतै के प्रकरण में *श्रीमती रश्मि तिवारी, श्री आर सी शर्मा, श्री घनश्याम मौर्य एवं स्वभाव आचार्य* ने समझाईस देकर समझौता कराया एवं निर्मला को अपनी बेटी की तरह ये विश्वास दिलाया की जाओ कोई दुःख नही होगा भावी जीवन जीने की समझाइश देकर बिदा किया ।
*निर्मला एवं अशोक ने एक दूसरे को माला पहनाई मिठाई खिलाई पुलिस परिवार जिला परामर्श दाताओं एवं समस्त स्टाफ ने नेहा को बेटी की तरह विदा किया*
*जिला परिवार परामर्श केन्द्र के सहयोजक श्री सतीष भटनागर मोहन लाल पिपलोटिया जी ने भी विशेष सहयोग किया बिछड़े परिवार के मिलन से पुनः आज मन प्रसन्नता से ओतप्रोत हुआ ... सभी खुशी खुशी विदा हुए....*
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