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टेलिग्राम टास्किंग के माध्यम से लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सदस्य राज्य सायबर सेल इंदौर की गिरफ्त में , दुबई से है कनेक्शन

टेलिग्राम टास्किंग के माध्यम से लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के दुबई माड्यूल के दो सदस्यों को राज्य सायबर सेल इंदौर ने...



टेलिग्राम टास्किंग के माध्यम से लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के दुबई माड्यूल के दो सदस्यों को राज्य सायबर सेल इंदौर ने किया गिरफ्तार

 टेलिग्राम एप ग्रुप के व्दारा पीड़ितों को विभिन्न टास्क पूर्ण करने पर लाखों रुपए मिलने का झांसा देकर धोखाधड़ी को दिया गया अंजाम, 

> साफ्टवेयर इंजीनियर पीड़िता से टेलिग्राम टास्किंग के माध्यम से रिव्यू देने पर रुपए मिलने का झांसा

देकर ठगे गए थे 16 लाख 64 हजार रुपए

• पकड़ा गया शातिर अपराधी गोविन्द नेमाने, बैंकिंग प्रक्रिया का जानकार होकर पूर्व में कई बैंकों में रह चूका है बैंक अधिकारी / मैनेजर

> बैंको से अपने संपर्क होने से आसानी से खुलवा लेता था अधिकतम ट्रांजक्शन लिमिट वाले खाते,

प्रकरण के दोनों शातिर आरोपी पूर्व में गुजरात व राजस्थान के अपराधों में भी रहे है संलिप्त

★ आरोपियो व्दारा फरियादिया के बैंक खाते से अन्य राज्यों के निवासी साथियों के खाते में गलत जानकारी देकर रुपए आनलाईन ट्रांसफर किए गए।

> अनुसंधान के दौरान 3,00,000/- से अधिक की राशि पीड़िता को वापस भी दिलाई गई, पकड़े जाने से बचने के लिए लगातार बदलते रहते थे अपना ठिकाना,

आरोपियों के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क होने के संबंध में अनुसंधान जारी,

श्री योगेश देशमुख श्रीमान् अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महोदय, राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल व्दारा सायबर फायनेंसियल फ्राड के रोकथाम पर प्रभावी कार्यवाही कर निराकरण के हाल ही में निर्देश दिये गये। उक्त निर्देशों के पालन में की गई कार्यवाही में राज्य सायबर सेल इंदौर, पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह के व्दारा बताया गया कि दिनांक 24/03/2023 को इंदौर निवासी साफ्टवेयर इंजिनियर पीड़िता व्दारा लिखित शिकायत की गई कि उसे टेलिग्राम एप पर संचालित ग्रुप में विभिन्न लिंक भेजकर टास्क कम्प्लिट करने पर लाखों रुपए मिलने का झांसा देकर 16,64,000/- रुपए की विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित करा लिए गए।

शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए फरियादिया के बैंक से ट्रांजक्शन संबंधी जानकारी प्राप्त की गई तथा संदिग्ध टेलिग्राम एप ग्रुप के संचालन संबंधी जानकारी प्राप्त की जाकर विश्लेषण करते फ्राड की राशि फर्जी कार्यालयों के नाम पर रजिस्टर्ड अधिकतम ट्रांजेक्शन लिमिट वाले खातों में स्थानांतरित कराई गई है, साथ ही फायनेंसियल फ्रॉड का संचालन एक गिरोह के माध्यम से किया जाना पाया गया। इसी तारतम्य में पकड़ा गया शातिर अपराधी गोविन्द नेमाने पूर्व में 2017 से लगातार विभिन्न बैंको– कोटक महिन्द्रा, इण्डसइंड, आईडीएफसी फर्स्ट, एक्साईड लाईफ, एचडीएफसी लाईफ आदि में बैंक अधिकारी के पद पर कार्यरत रहा है। वर्तमान में कोटक लाईफ इंश्योरेंस कंपनी में सेटेलाईट ब्रांच अहमदाबाद में कार्यरत है। बैंकों से अपने संपर्क का गलत इस्तेमाल करते हुए फर्जी पते पर अधिकतम टूजिक्शन लिमिट वाले खाते आसानी से खुलवा कर इनका इस्तेमाल फायनेंसियल फ्रॉड की घटना में करता है। गोविन्द अपने अहमदाबाद के संपर्क के माध्यम से मार्च महिने में दुबई गया था, बड़ी संख्या में Activated International Roaming Sim लेकर वहाँ गिरोह के सरगना को सौपी थी।



आरोपी विजय होतवानी उक्त प्रकार के अपराधों का अभ्यस्त होकर फर्जी कार्यालयीन पते पर अधिकतम टूजिक्शन लिमिट वाले खाते विभिन्न बैंकों में खुलवाकर राशि स्वयं के खातों में जमा कराकर अपने गिरोह के सदस्यों को स्थानांतरित करता है। इसके विरुद्ध सायबर क्राईम ब्रांच पानीगेट, बड़ोदरा गुजरात तथा सायबर क्राईम ब्रांच भरतपुर राजस्थान में भी प्रकरण पंजीबध्द हुए है। आरोपियों के कुछ अन्य साथियों के हैदराबाद में भी पकड़े जाने की सूचना है।

दोनों आरोपियों को अहमदाबाद गुजरात से पकड़े जाने में सफलता प्राप्त हुई है, इनके व्दारा संचालित गिरोह के अन्य सदस्यों के संबंध में गहन पूछताछ व अनुसंधान जारी है। 

Advisory -

– टेलिग्राम पर किसी भी अनजान प्रोफाईल, ग्रुप या चैनल से ना जुड़े ना ही किसी दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

– क्रिप्टोकरेंसी, निवेश पर अत्यधिक लाभ शापिंग या जॉब आफर्स के लालच में फीस रजिस्ट्रेशन,

एडवांस ट्रेडिंग मनी आदि के नाम पर किसी खाते में पैसे जमा ना करें।

– टेलीग्राम पर किसी लिंक के माध्यम से ओपन हुए एप वेब पेज पर व्यक्तिगत जानकारियां दर्ज ना करें। 

–अपने सभी सोशल मीडिया व ईमेल एकाउंट्स आदि पर टू फैक्टर ऑधटिकेशन की सूविधा चालू करे ताकि आपके एकाउण्ट आसानी से हैक ना किए जा सके। 

– मोबाईल फोन पर आसान पैटर्नलॉक के बजाय स्ट्रांग स्क्रीन लॉक एक्टिवेट करे। 

– फायनेंसियल फ्राड की जानकारी मिलते ही त्वरित रूप से शिकायत करें,

–कभी किसी संदिग्ध मैसेज पर विश्वास कर KYC अपडेट, आधार, पैनकार्ड लिंक करने वाले मैसेज पर विश्वास ना करें, • रिमोट एप जैसे टीम व्युवर, एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट आदि किसी के कहने पर ईस्टाल ना करें, * फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति व्दारा दिये गए निर्देशों का पालन कतई नहीं करें गूगल से प्राप्त कस्टमर

केयर हेल्प लाईन नंबर पर विश्वास ना करें।

अपनी कोई भी फायनेंसियल जानकारी या व्यक्तिगत जानकारी सोशल मिडिया पर शेयर नही करें। 

सायबर संबंधी अपराध की शिकायत सायबर ऑनलाईन पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर तथा हेल्पलाईन नंबर 1930 पर भी की जा सकती है।

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