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चार लाख से ज्यादा रुपए की आनलाईन बैंकिग के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाला आरोपी चढ़ा राज्य सायबर सेल इंदौर के हत्थे। MP Digital News

इंदौर में मैकेनिक का कार्य करने वाले युवक के खाते में बैल बेचने व खेती बटांई पर देने के आए चार लाख से ज्यादा रुपए की आनलाईन बैंक...

इंदौर में मैकेनिक का कार्य करने वाले युवक के खाते में बैल बेचने व खेती बटांई पर देने के आए चार लाख से ज्यादा रुपए की आनलाईन बैंकिग के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाला आरोपी चढ़ा राज्य सायबर सेल इंदौर के हत्थे


 फरियादी के मोबाईल से प्राप्त ओटीपी से आनलाईन बैंकिंग एक्टिवेट कर  धोखाधड़ी को दिया गया अंजाम,
 फरियादी को लोन दिलाने का झांसा देकर उसके मोबाईल से उसकी जानकारी के बिना ओटीपी प्राप्त कर आनलाईन नेटबैंकिग सुविधा एक्टिवेट कर स्वयं के खाते में आरोपी ने किए रुपए स्थानांतरित,
 फरियादी आनलाईन नेट बैकिंग के संबंध में नही रखता कोई जानकारी,
 पीड़ित मैकेनिक के मोबाईल से उसकी जानकारी के बिना बैंक खाते में जमा 4,10,000/- रुपए  रुपए की धोखाधड़ी कारित की गई आरोपी व्दारा, 
 पकड़ा गया आरोपी लोन दिलाने संबंधी कार्य करने का है अभ्यस्त 
 आरोपी व्दारा अपने अन्य साथियों के सहयोग से मैकेनिक का कार्य करने वाले पीडित के बैंक खाते को आनलाईन बैंकिग की सुविधा प्राप्त कर अपना मोबाईल नंबर व खाता लिंक कर अधिकतम ट्रांजेक्शन सीमा बढाकर स्थानांतरित किये 4,10,000/- रुपए, 
 आरोपी रजत गौड से फ्रॉड की राशि 2,10,000/- रुपए जप्त करने में मिली सफलता

श्री योगेश देशमुख, श्रीमान् अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महोदय, राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल व्दारा सायबर फायनेंसियल फ्राड के रोकथाम पर प्रभावी कार्यवाही कर निराकरण के हाल ही मे निर्देश दिये गये। उक्त निर्देशो के पालन में की गई कार्यवाही में राज्य सायबर सेल इंदौर, पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह के व्दारा बताया गया कि दिनांक 25/10/2023 को फरियादी अरुण नायक पिता मिश्रीलाल नायक उम्र 20 वर्ष निवासी 690 साईँकृपा कालोनी इंदौर ने शिकायत की कि किसी अज्ञात व्यक्ति व्दारा आवेदक के बैंक खाते से बिना जानकारी के नेटबैंकिंग के माध्यम से 4,10,000/- रुपये की धोखाधडी कारित की गई है।
शिकायत पर अपराध पंजीबध्द कर त्वरित कार्यवाही करते हुए फरियादिया के बैंक से ट्रांजेक्शन संबंधी जानकारी प्राप्त की गई तथा आनलाईन नेटबैंकिग के संबंध में प्राप्त आईपी के आधार पर पाया गया कि फरियादी अरुण के बैंक खातें को आनलाईन नेट बैंकिग से रजिस्टर्ड कर उसके मोबाईल पर प्राप्त ओटीपी आरोपी व्दारा ज्ञात किया जाकर उसमें आरोपी रजत पिता लेखराज गौड़ निवासी गोकुलनगर इंदौर व्दारा अपना मोबाईल नंबर व जीमेल आईडी रजिस्टर्ड कर कुल 4,10,000/- रुपए अपने खाते में स्थानांतरित कर लिए गए। साथ ही पकड़े जाने के डर से उक्त राशि अपने तीन विभिन्न बैंक खातों में आन लाईन स्थानांतरित करा ली गई। आरोपी रजत गौड व्दारा फ्रॉड की राशि का कुछ हिस्सा अपराध घटित करने में सहयोग करने वाले अपने अन्य साथियों को दिया जाना बताया है।
 
 
  पकड़ा गया आरोपी रजत पिता लेखराज गौड़, वर्तमान में प्रायवेट एजेंसी में रिलेशनशीप आफिसर के पद पर कार्यरत है जो लोन दिलाने संबंधी कारोबार कर रहा है। पीडित को लोन दिलाने का झांसा देकर दस्तावेज के साथ ही उसके मोबाईल से ओटीपी प्राप्त कर घटना को अंजाम दिया जाना पाया गया। आरोपी रजत से उसे प्राप्त फ्रॉड की राशि का हिस्सा 2,10,000/- रुपये जप्त करने में सफलता प्राप्त हुई है। अन्य संलिप्त आरोपियों से संबंध में अनुसंधान जारी है।
 
उक्त कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक महोदय, राज्य सायबर जोन इंदौर, श्री जितेन्द्रसिंह व्दारा उप पुलिस अधीक्षक श्री नरेन्द्रसिंह रघुवंशी के मार्गदर्शन में निरीक्षक रामसुमेर तिवारी, उप निरीक्षक मनीषा पाठोदे, प्रधान आरक्षक 869 विक्रांत तिवारी की टीम गटित की गई, जिन्होने तत्परता से अनुसंधान करते हुए आरोपी रजत गौड की धरपकड़ कर फ्रॉड की राशि 2,10,000/- रुपए बरामदगी व घटना में प्रयुक्त मोबाईल हेण्डसेट व बैंक संबंधी दस्तावेज जप्त करने में सराहनीय योगदान दिया गया।

Advisory – 
 मोबाईल फोन पर आसान पैटर्नलॉक के बजाय स्ट्रांग स्क्रीन लॉक एक्टिवेट करे।
 अपने मोबाईल पर प्राप्त ओटीपी व बैंक संबंधी जानकारी शेयर ना करें।
 फायनेंसियल फ्राड की जानकारी मिलते ही त्वरित रुप से शिकायत करें,
 कभी किसी संदिग्ध मैसेज पर विश्वास कर KYC अपडेट, आधार, पैनकार्ड लिंक करने वाले मैसेज पर विश्वास ना करें,
 रिमोट एप जैसे टीम व्युवर, एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट आदि किसी के कहने पर इंस्टाल ना करें,
 फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति व्दारा दिये गए निर्देशों का पालन कतई नही करें. गूगल से प्राप्त कस्टमर केयर/ हेल्प लाईन नंबर पर विश्वास ना करें।
 अपनी कोई भी फायनेंसियल जानकारी या व्यक्तिगत जानकारी सोशल मिडिया पर शेयर नही करें।
 सायबर संबंधी अपराध की शिकायत सायबर ऑनलाईन पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर तथा हेल्पलाईन नंबर 1930 पर भी की जा सकती है।

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